Maharajganj

सोहगीबरवा में अगले हफ्ते शुरू होगा रोमांचकारी जंगल सफारी, डीएम की अध्यक्षता में गाइड्स हुए प्रशिक्षित, रामग्राम, देवदह को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की तैयारी

 


महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:- सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में जंगल सफारी आरंभ करने और पर्यटन व जीव जंतु संवर्धन हेतु गाइडों एवं अन्य कर्मचारियों के प्रशिक्षण हेतु वन चेतना केंद्र में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला में जिलाधिकारी ने गाइडों  को संबोधित करते हुए कहा कि जंगल सफारी एक रचनात्मक कार्य है। सोहगीबरवा जंगल सफारी में पर्यटकों में रुचि पैदा करने के लिए यहां के जंगल, जीव जंतुओं और वनटांगिया समुदाय के प्रति कौतूहल पैदा करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि सफारी से जुड़े गाइड एवं कर्मचारी सोहगीबरवा जंगल और इसमें रहने वाले वनटांगिया समूह के इतिहास के बारे में जाने। वनटांगिया समुदाय के सामाजिक-सांस्कृतिक परंपराओं को जानें, ताकि पर्यटकों में इनके प्रति आकर्षण पैदा किया जा सके। इस क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न पशु-पक्षियों के बारे में विस्तृत जानकारी रखें, विशेष रूप से गंडक नदी में पाए जाने वाले मगरमच्छों व घड़ियालों के बारे में। उन्होंने रामग्राम व देवदह की ऐतिहासिकता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इनके बारे में भी विशेष जानकारी रखें ताकि इन दोनों पर्यटन स्थलों को जंगल सफारी से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि कार्यशाला को सभी लोग गंभीरता से लें, क्योंकि प्रशिक्षण के अंत मे एक परीक्षा ली जाएगी और उसके अनुसार गाइडों की स्टार रेटिंग की जाएगी। प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए डीएफओ पुष्प कुमार के. ने कहा कि जंगल स्वयं में आकर्षण का केंद्र होते हैं। यहां पर व्यक्ति को न सिर्फ शांति मिलती है बल्कि प्रकृति के प्रति एक आकर्षण भी पैदा होता है। महाराजगंज में सफारी कार्यक्रम के माध्यम से हमें यही प्रयास करना है कि पर्यटकों का ना सिर्फ मनोरंजन हो बल्कि उनमें वन, वन्यजीवों और वन समुदायों के प्रति लगाव भी पैदा हो। उन्होंने कार्यशाला में सोहगीबरवा जंगल की अनेक विशेषताओं के बारे में उपस्थित लोगों को बताया। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेंद्र त्रिपाठी द्वारा किया गया।  प्रशिक्षण कार्यशाला में सफारी कार्यक्रम से जुड़े आधिकारियों व कर्मचारियों समेत मीडिया के लोग भी उपस्थित रहे।

रामग्राम(वर्तमान में कन्हैया बाबा का थान) स्तूप का है विशेष महत्व: डीएम

सोहगीबरवा जंगल सफारी से जुड़ी प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए रामग्राम की ऐतिहासिकता के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऐसी माना जाता है कि महात्मा बुद्ध के अंतिम संस्कार के बाद उनके अस्थि-अवशेषों को 8 स्तूपों में संरक्षित किया गया। बाद में सम्राट अशोक द्वारा इनमें से सात स्तूपों को पुनः खुलवाकर इनमें रखी अस्थियों को 84000 अन्य स्तूपों में रखवाया। किंतु इस दौरान सम्राट अशोक द्वारा जिस एक स्तूप को नही खुलवाया गया वह रामग्राम स्तूप ही है। इस प्रकार यह दुनिया का एकमात्र स्तूप है जो अबतक मूलरूप में है। इसलिये यह स्तूप विशेष महत्व रखता है। गौरतलब है कि चौक के जंगल में जो कन्हैया बाबा का थान है वही स्थान रामग्राम है। इसके चारों ओर सात पुष्किरिणी(छोटा जलाशय) है। ऐसी मान्यता है कि इसी पुष्किरिणी के जल से देवों का जलाभिषेक प्राचीन समय में किया जाता था। वहीं इस जंगल सफारी में रामग्राम का भी पर्यटक दर्शन करेंगे। साथ ही रामग्राम और देवदह को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की तैयारी भी जिला प्रशासन कर रहा है।

यह भी पढ़ें : चार उपनिरीक्षक सहित 14 के तबादले, अंकित सिंह बने सोनौली के चौकी इंचार्ज